दुनियाभर में कई ऐसे रहस्य दफन हैं, जिनके आगे विज्ञान ने भी अपने घुटने टेक लिए। हाल में ही साइबेरिया में कुछ ऐसे पत्थर मिले हैं जो अपना रंग बदलते हैं। कुछ लोगों ने तो इन्हें डायनासोर के अंडे भी बताया है। जानिए क्या है इन पत्थरों का रहस्य।
साइबेरिया में एक कोयले की खदान में खुदाई के दौरान ज़मीन के 100 फुट नीचे करीब 3 फुट गोल आकार के 10 पत्थर मिले हैं।
इन पत्थरों कि खास बात है कि बारिश का पानी पड़ते ही ये अपना रंग बदलने लगते हैं।
वैज्ञानिक इन सभी पत्थरों का निरीक्षण कर रहे है। रूसी एक्सपर्ट्स के अनुसार ऐसा कई बार मिट्टी, कीचड़, रेत और खनिज से मिलकर बन जाता है, इसे जुरासिक पर्ल के नाम से जाना जाता है। ये मोतीनुमा पत्थर करोड़ों साल बाद बनते हैं। इनके बनने की प्रक्रिया ठीक वैसी ही है जैसे मोती बनने की।
एक्सपर्ट के अनुसार बारिश के बाद इन पत्थरों का रंग बदलने का कारण पत्थरों के अंदर पाया जाने वाला आयरन ऑक्साइड हो सकता है।
इन गोल आकार के पत्थरों को खदान के पास सड़क किनारे रखा गया है। फिलहाल इसे कुदरत का करिश्मा ही कहा जा सकता है।
साइबेरिया में एक कोयले की खदान में खुदाई के दौरान ज़मीन के 100 फुट नीचे करीब 3 फुट गोल आकार के 10 पत्थर मिले हैं।
इन पत्थरों कि खास बात है कि बारिश का पानी पड़ते ही ये अपना रंग बदलने लगते हैं।
वैज्ञानिक इन सभी पत्थरों का निरीक्षण कर रहे है। रूसी एक्सपर्ट्स के अनुसार ऐसा कई बार मिट्टी, कीचड़, रेत और खनिज से मिलकर बन जाता है, इसे जुरासिक पर्ल के नाम से जाना जाता है। ये मोतीनुमा पत्थर करोड़ों साल बाद बनते हैं। इनके बनने की प्रक्रिया ठीक वैसी ही है जैसे मोती बनने की।
एक्सपर्ट के अनुसार बारिश के बाद इन पत्थरों का रंग बदलने का कारण पत्थरों के अंदर पाया जाने वाला आयरन ऑक्साइड हो सकता है।
इन गोल आकार के पत्थरों को खदान के पास सड़क किनारे रखा गया है। फिलहाल इसे कुदरत का करिश्मा ही कहा जा सकता है।
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